The Greatest Guide To Shodashi

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एकान्ते योगिवृन्दैः प्रशमितकरणैः क्षुत्पिपासाविमुक्तैः

The Mahavidya Shodashi Mantra supports psychological security, advertising and marketing therapeutic from past traumas and interior peace. By chanting this mantra, devotees uncover release from detrimental emotions, acquiring a well balanced and resilient way of thinking that assists them confront life’s problems gracefully.

देयान्मे शुभवस्त्रा करचलवलया वल्लकीं वादयन्ती ॥१॥

वन्दे तामहमक्षय्यां क्षकाराक्षररूपिणीम् ।

पद्मरागनिभां वन्दे देवी त्रिपुरसुन्दरीम् ॥४॥

प्रणमामि महादेवीं परमानन्दरूपिणीम् ॥८॥

यह शक्ति वास्तव में त्रिशक्ति स्वरूपा है। षोडशी त्रिपुर सुन्दरी साधना कितनी महान साधना है। इसके बारे में ‘वामकेश्वर तंत्र’ में लिखा है जो व्यक्ति यह साधना जिस मनोभाव से करता है, उसका वह मनोभाव पूर्ण होता है। काम की इच्छा रखने वाला व्यक्ति पूर्ण शक्ति प्राप्त करता है, धन की इच्छा रखने वाला पूर्ण धन प्राप्त करता है, विद्या की इच्छा रखने वाला विद्या प्राप्त करता है, यश की इच्छा रखने वाला यश प्राप्त करता है, पुत्र की इच्छा रखने वाला पुत्र प्राप्त करता है, कन्या श्रेष्ठ पति को प्राप्त करती है, इसकी साधना से मूर्ख भी ज्ञान प्राप्त करता है, हीन भी गति प्राप्त करता है।

About the 16 petals lotus, Sodhashi, that is the form of mother is sitting with folded legs (Padmasana) removes all of the sins. And fulfils all of the wishes together with her 16 varieties of arts.

श्रीचक्रवरसाम्राज्ञी श्रीमत्त्रिपुरसुन्दरी ।

By embracing Shodashi’s teachings, persons cultivate a existence enriched with reason, appreciate, and link into the divine. Her blessings remind devotees on the infinite natural beauty and wisdom that reside in, empowering them to Are living with authenticity and joy.

देव्यास्त्वखण्डरूपायाः स्तवनं तव तद्यतः ॥१३॥

सर्वोत्कृष्ट-वपुर्धराभिरभितो देवी समाभिर्जगत्

ब्रह्माण्डादिकटाहान्तं तां वन्दे सिद्धमातृकाम् ॥५॥

यहां पढ़ें click here त्रिपुरसुन्दरी हृदय स्तोत्र संस्कृत में – tripura sundari hriday stotram

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